प्यार का कसूर

प्यार क्या कहता है ?

प्यार करने वालों से

तड़पना मेरा कर्म है

पर दृष्टि कोण  नहीं

मेरे दुरुपयोग  मे

मेरा कोई खोट नही

मै तो सदियो से भाईबहन,FAMILYS, LOVERS के

दिलो मे बसता चला आ रहा हू

जरूरी नहीं...

हमेशा बुरे कर्मो की वजह से ही

___दर्द सहने को मिले,,,

कई बार हद से ज्यादा...

___अच्छे होने की भी

कीमत चुकानी पड़ती है,,,

मैने कब चाहा था

किसी कोमलांगी लड़की को झुलसाना

उसको भीषण पीड़ा पहुचाना

यह तो तूने सोचा ये मानव

मानवता से ये गिर जाना

किसी सजीव प्राणवान का जीवन

मृत्यु से दोयम बनाना

जिस्म तो तुम पा सके तो 

उसे जीने के नाकाबिल बनाना

उसकी सुन्दर सी जिन्दगी पे

अपनी भयावह बदनामी की मुहर लगाना

दिल चाहता है उनका

खुद को कही छुपा ले 

या

 खुद पे तेजाब गिरा ले

क्या करे ये तो हो नहीं सकता

पर क्या मनुष्य

खुद को नहीं बदल सकता ?

ये मनुष्य तुम्हारा स्पर्श तो 

जादू सा असर रखता है

बहते आशू को मुस्कान मे बदलने

का हुनर रखता है

तो मेरी ये विनती है 

तुमसेतुम………………………………………………………..

तुम इन्सानो से

तुम प्यार करने वाले से

मेरे साथ इन्साफ करो.